Frame Relay क्या है? फायदे और नुकसान (हिंदी में पूरी जानकारी)
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Network Protocols (नेटवर्क प्रोटोकॉल)
Frame Relay क्या है? (What is Frame Relay in Hindi)
Frame Relay एक तेज गति का packet switching प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग Wide Area Networks (WANs) में किया जाता है। इसके अलावा, यह दो या दो से अधिक Local Area Networks (LANs) के बीच data को transfer करता है।
Frame Relay एक packet switched टेक्नोलॉजी है। इसे Local Area Networks के बीच कम खर्च में data transfer करने के लिए design किया गया था। साथ ही, इसे Wide Area Networks में end points के बीच भी इस्तेमाल किया जाता है।
Frame Relay एक बहुत ही प्रसिद्ध service रही है, लेकिन अब इसे ज्यादातर Internet Service Providers (ISPs) के द्वारा बंद कर दिया गया है।
Frame Relay की कार्यप्रणाली और गति (Working and Speed)
फ्रेम रिले OSI model के Layer 1 (Physical Layer) और Layer 2 (Data Link Layer) में काम करता है। इसकी data को transfer करने की गति 64 Kbps से 45 Mbps तक होती है।
जैसा कि आपको पता होगा कि packet switched टेक्नोलॉजी data के transfer होने की कोई guarantee नहीं देती है। Frame Relay भी इसी सिद्धांत के अनुरूप काम करता है।
फ्रेम रिले में data को एक frame में डाला जाता है और transmission का काम endpoints पर छोड़ दिया जाता है, जिससे data transmission की speed बढ़ जाती है।
Frame Relay के फायदे (Advantages of Frame Relay in Hindi)
इसके फायदे निम्नलिखित हैं:
- यह high speed प्रदान करता है, क्योंकि इसमें error detection का प्रयोग नहीं किया जाता है, जिससे overhead कम होता है।
- यह X.25 की तुलना में ज्यादा throughput प्रदान करता है।
- इसमें bandwidth को जरूरत के आधार पर allocate किया जाता है।
- इसमें कम cost (लागत) लगती है। इसके द्वारा कम खर्च में ही data को ट्रान्सफर किया जा सकता है।
- इसमें frame का size 9000 bytes का होता है, जो कि सभी LAN frame types के लिए पर्याप्त है।
- यह सुरक्षित connection प्रदान करता है।
- इसमें delay बहुत ही कम होता है।
- फ्रेम रिले पुरानी technology जैसे कि – X.25 और नयी technology जैसे कि – ATM, MPLS दोनों को support करता है।
Frame Relay के नुकसान (Disadvantages of Frame Relay in Hindi)
फ्रेम रिले के नुकसान निम्नलिखित हैं:
- फ्रेम रिले में flow control और error control नहीं होता है।
- इसमें packets उस क्रम में deliver नहीं होते जिस क्रम में इन्हें send किया जाता है।
- इसमें जिन packets में error होता है उन्हें सीधे discard (निरस्त) कर दिया जाता है।
- यह received packets का acknowledgement प्रदान नहीं करता है।
- यह network congestion की स्थिति में frames को discard कर देता है।
- इसकी data transfer की speed 45 Mbps तक होती है, इसलिए यह उन protocols के लिए उपयुक्त नहीं होता जिनमें high data rates की जरूरत होती है।
- यह internet service की तुलना में ज्यादा महंगा होता है।
- यह sensitive data (जैसे कि – real time voice, video आदि) को भेजने के लिए suitable (उपयुक्त) नहीं होता।